फोटो, साभार: गूगल वसुधैव कुटुंबकम की बात करने वाला देश भारत का दिल क्या इतना मजबूत है कि वह पूरी बसुधा को एक परिवार की भांति रख सके| एक सर्वे के अनुसार विश्व के कुल हृदय रोगियों में 60 प्रतिशत सिर्फ भारत में हैं| चौंकाने वाली बात यह है कि बच्चों में दिल की बीमारी …
Category: Medical Astrology
मादक द्रव्य का सेवन (व्यसन) और युवा पीढ़ी का भटकाव – शास्त्रीय समाधान
फोटो, साभार: google भारतीय युवा पीढ़ी में मादक द्रव्यों का बढ़ता सेवन चिंता का विषय है| यह एक गंभीर समस्या का रूप धारण करती जा रही है| व्यसन क्या है और कैसे स्वयं के प्रयास से इससे मुक्त हुआ जा सकता है इसे आज हमलोग रामचरितमानस और भगवद्गीता के माध्यम से जानेंगे| इसका ज्योतिषीय पक्ष …
Continue reading मादक द्रव्य का सेवन (व्यसन) और युवा पीढ़ी का भटकाव – शास्त्रीय समाधान
यह वक़्त भी बदल जायेगा
एक बार किसी विद्वान व्यक्ति से पूछा गया कि एक ऐसा वाक्य बोलो जिससे कि जो व्यक्ति सुखी है वह दुखी हो जाये और जो व्यक्ति दुखी है वह सुखी हो जाये| उसने कहा "यह वक़्त भी बदल जायेगा"| आज काल के जिस पड़ाव पर हम सब खड़े हैं वहां हर एक व्यक्ति के …
Depression(अवसाद)-कारण और निदान
एक हल्की सी लहर ..और सबकुछ समाप्त.. क्यों ? आखिर क्यों ?? क्यों हम पहले तनाव ग्रस्त होते हैं फिर मानसिक अवसाद में जाते हैं और अंततः आत्महत्या को अपना संगी बनाकर चल पड़ते हैं .. और कोई संगी क्यों नहीं बनता ?? कारण क्या ?? ????????? भौतिक रूप से इतने विकसित होकर भी, क्या …
शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कैसे बढ़ाएँ
जब बात कोविड-19 की हो और इससे जुड़कर भारी भरकम शब्द , एसिम्पटोमेटिक, प्रीसिम्पटोमेटिक, सोशल डिस्टेंसिंग, आइसोलेशन, आदि हम तक पहुँचते हैं तो ऐसे में हमें याद आयी भगवान धन्वंतरि की | भगवान धन्वन्तरि आयुर्वेद जगत के प्रणेता तथा वैद्यक शास्त्र के देवता माने जाते हैं। वे महान चिकित्सक थे जिन्हें देव पद प्राप्त …
कोरोना पर गंगाजल का असर
वराह पुराण के अनुसार ज्येष्ठ शुक्ल दशमी, बुधवार के दिन, हस्त नक्षत्र में गंगा स्वर्ग से धरती पर आई थी इसलिये इस दिन को माँ गंगा के पृथ्वी पर अवतरण दिवस के रूप में मनाया जाता है। स्कन्द पुराण में लिखा हुआ है कि, ज्येष्ठ शुक्ला दशमी संवत्सरमुखी मानी गई है इसमें स्नान और दान …
‘गीता’ और नैदानिक मनोविज्ञान (Clinical Psychology)
ज्योतिष को अपरा ( चारों वेद, शिक्षा, कल्प, व्याकरण, निरुक्त, छंद और ज्योतिष ) और परा के बीच का सेतु कहा गया है |चारों वेद, शिक्षा, कल्प, व्याकरण, निरुक्त, छंद और तब आता है ज्योतिष |कहने का तात्पर्य यह कि ज्योतिष को अगर सम्पूर्णता में समझना है तो हमें वेद, शिक्षा, कल्प, व्याकरण, निरुक्त, छंद …
Continue reading ‘गीता’ और नैदानिक मनोविज्ञान (Clinical Psychology)