
सुबह सुबह स्नान ध्यान से फारिग होकर वशिष्ठ बाबू बैठे ही थे कि नंदी की आवाज़ सुनाई पड़ी|
बाबाЅЅЅ ओ बाबा कहाँ हैं आप? अरे सब घर में आपको देख आये, कहीं नहीं दिखाई दिए|
क्या हुआ नंदी बेटा.. सुबहे सुबहे क्या हो गया जो इतना चिल्ला रही हो? हम यहाँ हैं दलान पर|
नंदी दौड़ते हुए आयी और कहने लगी, बाबा हमको ज्योतिष सीखना है|
ज्योतिष?? इ कोन भूत चढ़ा है दिमाग पर| अपना पढाई छोड़ के ज्योतिष सीखने का बात कहाँ से आया?
अरे नहीं बाबा, कोनो भूत-उत नहीं चढ़ा है और न ही हम अपना पढाई छोड़ रहे हैं|
त फिर क्या बात है? बाबा ने पूछा|
माँ कल फूलवाली चाची से कह रही थी कि आप ज्योतिष के बहुत बड़े जानकार हैं| आप उन्हें बतला देंगे कि उनके बेटे का नौकरी कब तक लग जायेगा|
बाबा मुस्कुरा दिए|
अब मुस्कुराइए मत| हमको भी सिखाइये|हम भी सीख कर जानेंगे कि हम पढ़-लिख कर नौकरी करेंगे कि नहीं|
अच्छा! अच्छा! लेकिन एक बात का वचन दो कि अब से तुम नियमित इसका अभ्यास करोगी|
ओके बाबा, डन.. नंदी ने खुश होते हुए कहा|
तो हो जाओ तैयार|
भगवान का नाम लेके शुरू करते हैं|
आज हम सिखाएंगे…
१ – तुम्हारा जन्म लग्न क्या है?
२- तुम्हारी राशि क्या है?
३ – तुम्हारा जन्म, दिन में हुआ है या रात में हुआ है?
४ – तुम्हारा जन्म किस तिथि को हुआ है,
५ – तुम्हारा जन्म किस महीने में हुआ है, और
बस बस बस बाबा.. आज इतना ही, नंदी ने बाबा को रोकते हुए कहा|
अरे! मेरा जन्म किस महीने में हुआ है इ त हमको पते है बाबा|
बस अब चुप हो जाओ और ध्यान से सुनो हम जो कह रहे हैं, समझी|
ओके बाबा |
चलो, ये जो तुम चौकोर खान बना हुआ देख रही हो न जिसमें लाइनें खीचीं हुई हैं, इसको कुंडली कहते हैं|
इसमें सबसे ऊपर क्या लिखा है बताओ|
सबसे ऊपर त एक लिखा है बाबा|
हाँ त इ जो एक है, न यही तुम्हारा जन्म लग्न हुआ| और एक बात ध्यान में रखना कि ये जो एक नंबर है यह गणितीय अंक नहीं हैं, बल्कि राशि है| एक मतलब मेष राशि| तो तुम्हारा जन्म लग्न हुआ मेष|
ऊपर हमेशा एके रहेगा क्या बाबा?
नहीं हो, एक से लेकर बारह तक कोई भी नंबर हो सकता है| बारह राशियों के नाम अगली बार बताएँगे तुमको, ठीक है?
हाँ बाबा|
इस कुंडली में MOON कहाँ है बताओ|
चार नंबर में बाबा|
तो ये जो चार नंबर हुआ यह हो गया तुम्हारा राशि, जिसको कि जन्म राशि भी कहते हैं| और चार नंबर माने कर्क राशि| और यह नंबर भी एक से लेकर बारह तक बदलता रहेगा.. समझी|
ओके बाबा|
SUN कहाँ है इस कुंडली में बताओ|
10 नंबर में बाबा|
इसका मतलब हुआ कि तुम्हारा जन्म दोपहर में हुआ है| दिन में हुआ है|
अगर ये सूर्य 7 नंबर में होता तब भी मेरा जन्म दिन में ही होता बाबा?
बहुत बढ़िया सवाल| नहीं तब तुम्हारा जन्म सूर्यास्त के समय होता, और यही सूर्य अगर पांच नंबर में होता तो तुम्हारा जन्म रात का होता|
कुंडली के बारहो भाग में सूर्य को घूमाती जाओ और जान जाओ कि दिन का जन्म हुआ है कि रात का|
चलो अब ये बताओ कि यहाँ MOON, SUN से कितने घर दूर है?
सात घर दूर बाबा, नंदी ने गिनते हुए कहा |
शाबाश!
इसका मतलब तुम्हारा जन्म पूर्णिमा को हुआ है|
अब इसी प्रकार सूर्य और चंद्र को घूमाती जाओ और अपने जन्म का तिथि जान जाओ|सूर्य और चंद्र का साथ मिलके, घूमने का जो सम्बन्ध होता है न नंदी, वह तिथि कहलाता है| इसको विस्तार से अगली बार बताएंगे तुमको|
ओके बाबा |
सूर्य किस नंबर में है बताओ|
बताया था न अभी बाबा आपको.. दस नंबर में|
ये जो दस नंबर है यह मकर राशि है| इस राशि में सूर्य कब आता है पता है?
हाँ बाबा, अभिये त आये हैं, तिलसकरात के दिन..नंदी ने कहा|
वाह तुमको त खूब याद है| त इससे महीना समझ में आया?
हाँ बाबा जनवरी महीना|
वाह देखा, तुमको भी थोड़ा-थोड़ा ज्योतिष आता है न.. बाबा ने हँसते हुए कहा|
अब सूर्य एक नंबर में माने एक राशि में तीस दिन रहते हैं तो अब तुम इसको हर नंबर में घूमा घूमा कर महीना जान सकती हो|
बाबा ये तो जादू है| और इसको घूमाते घूमाते त दिमागों का बत्ती भुक्क से जल जायेगा|
हाँ सो तो है.. बाबा ने हँसते हुए कहा|
चलो अब तुम जाओ और इसका अभ्यास करो, अपने दिमाग का बत्ती जलाओ| और हम चलें रामनारायण भाई से मिलने…
और सुनो.. अभ्यास जारी रखना..
ओके बाबा …