
आने वाले का स्वागत गर्मजोशी के साथ किया जाना चाहिए लेकिन यहाँ तो बात ही कुछ निराली है| अब बताओ भला इतना ठंढा स्वागत भी कोई करता है क्या? इतनी बर्फवारी से मन नहीं भरा जो अब एक ढकिया बर्फ लेकर फिर से दुगुने तेजी से उड़ेलने के लिए तैयार हो रहे हो| ये नाइंसाफी है, राहु ने कहा
अब नाइंसाफी है तो है, हम क्या करें- कर्क राशि में, पुनर्वसु नक्षत्र के चौथे चरण में प्रवेश करते हुए चंद्र ने कहा|
राहु ने फिर भुनभुनाते हुए कहा कि क्या कल ही तुम्हारा चौथे पायदान पर चढ़ना जरूरी है? पहले से ही इतना नीचे लुढ़के हुए पारे को और नीचे लुढ़का देने से क्या तुमको मिस इंडिया का ख़िताब मिल जायेगा ? शरीर तो जमा ही चुकी हो, क्यों अब दिमाग ज़माने पर भी तुली हो| अरे क्या होगा अगर दो दिन के बाद ही कर्क में प्रवेश करोगी तो?
चंद्र ने थोड़ा तैश में आते हुए कहा- ज्यादा अपना दिमाग मत चलाओ| हमको जाना ही होगा| उधर शनि, गुरु, मंगल और सूर्य, चारों मेरे आने का इंतजार कर रहे हैं| मिल कर पार्टी मनाएंगे| तुम्हे भी आना है साथ तो बताओ|
राहु ने कहा, रुको पहले मुझे बुध और शुक्र से भी सलाह कर लेने दो|
उसने बुध और शुक्र से पूछा कि भाई क्या तुम हमारे साथ चंद्र की बर्फीली पार्टी में चलोगे? शुक्र ने पूछा -और कौन कौन शामिल हैं उस पार्टी में? राहु ने कहा कि केतु को छोड़कर सब हैं| शनि, गुरु, सूर्य और मंगल|
हम्म्म ! शुक्र ने लम्बी सांस छोड़ते हुए कहा तो तुमने क्या सोचा है? राहु ने कहा कि तुम दोनों से बात करने के बाद ही कुछ निर्णय लेंगे| शुक्र ने बुध की तरफ देखा| बुध ने फटाक से कहा कि हम दोनों सामने से तो उस पार्टी में शामिल नहीं होंगे लेकिन पीछे से समर्थन देंगे|
मतलब? राहु ने पूछा|
मतलब यह कि चंद्र को पता नहीं चले कि हम लोग भी उस पार्टी के समर्थन में हैं| अब जाओ तुम, बुध ने राहु को मुस्कुराते हुए कहा|
राहु सहर्ष चंद्र के साथ चल पड़ा|
चंद्र,सूर्य, मंगल , शनि, गुरु,राहु की जोड़ी सामने से और बुध,शुक्र की जोड़ी जब नेपथ्य में हो, अर्थात आठ ग्रहों का गठबंधन हो रहा हो जिसमे कर्क राशि और मकर राशि भी शामिल हों तो शिमला जाने की क्या जरूरत है| दिल्ली में ही शिमला का आनंद लिया जाये|
लेकिन आनंद में आकर यह मत भूल जाना कि शुक्र आग लगाने वाला प्रपंच रच रहा है| तुमलोगों की सोच से बिलकुल उलट उसने एक सरप्राइज देने का प्लान बनाया है| 2020 ने 2021 स्वागत कुछ ज्यादा ही गर्मजोशी से करने हेतु चुपके से शुक्र के हाथ में मशाल थमा दी है, राहु ने कहा | फिर ज्ञान बघारने लगे- सीधा सीधा बताओ कि क्या माने है इसका, चंद्र ने घुड़कते हुए कहा|
इसका मतलब यह कि किसान आंदोलन की आड़ में तो देश में आंतरिक अस्थिरता को बढ़ावा दिया ही जायेगा साथ ही साथ बाह्य ताकतें भी देश और सरकार दोनों को नुकसान पहुँचाने हेतु सक्रीय हो जाएँगी|
इसलिए तुम लोग खूब मस्त होकर पार्टी जरूर करना लेकिन सजग रहना| ये तो अच्छा है कि केतु साथ नहीं है और सूर्य ने भी अभी कुछ दूरी बनाकर रखी है वरना तो गजब हो जाता|