आज के समाचारपत्रों में छापी जाने वाली ख़बरों में से दो खबर महत्वपूर्ण हैं . चीन और अमेरिका के बीच बढ़ते तनाव और दक्षिणी कोरिया के राष्ट्रपति का उत्तर कोरिया से अपने संबंधों को सुधारे जाने की दिशा में एक कदम उठाए जाने की खबर . महत्वपूर्ण खबर इसलिए की जहाँ एक तरफ उत्तर कोरिया को चीन और रूस का सह मिला हुआ है वहीँ दक्षिण कोरिया को अमेरिका का . अर्थात परोक्ष या अपरोक्ष रूप से खेल जो दिख रहा है वो नहीं है .खेल महाशक्तियों के चंगुल से खुद को निकाले जाने का है.एक तरफ जहाँ अमेरिका और चीन के बीच व्यापार को लेकर आपसी टकराहट बढ़ती जा रही है वहीँ दूसरी ओर इन दोनों का हस्तक्षेप पूरे एशिया में बना हुआ है. ऐसे में भारत, जो की एक उभरती हुई महत्वपूर्ण शक्ति (साल 2012 से इसकी शुरुआत हुई है ) है , की तरफ सबका ध्यान बरबस ही जाता है . महाशक्तियों के बीच इस बनते बिगड़ते समीकरणों के बीच , निकट भविष्य में क्या भारत की स्थिति इतनी मजबूत होगी की वह विश्वशक्ति भी बने और क्रम से किसी भी विश्वशक्ति के साथ अपनी शर्तो पर सौदेबाजी कर सके ??
कुछ समय पहले ग्रहों ने हमें 2018 में नेपाल और बांग्लादेश की गतिविधियों पर नज़र रखने का संकेत दिया था जो सही हुआ .
क्या कहते हैं ग्रह ??
साल 2018 की तरह साल 2019 भी भारत का घऱेलू राजनीति से निबटने का साल रहेगा .
साल 2023 , एक मजबूत विपक्ष और कमजोर सत्तापक्ष का संकेत देता है ।अर्थात यह साल कांग्रेस के राजनैतिक पटल पर पुनर्वापसी का साल रहेगा या अन्य कोई पार्टी राष्ट्रीय राजनीति में अपनी महत्वपूर्ण उपस्थित दर्ज कराने में सफल होगा ,यह अध्ययन का मसला ..
साल 2024 , भारत का अपने पड़ोसिओ के साथ कूटनैतिक संबंधों में व्यापक बदलाव लाने वाला रहेगा .
2025 , सरकार और न्यायपालिका के टकराव का अध्याय लिखे जाने का संकेत । केंद्रीय सत्ता के असंतुलित होने की स्थिति संवैधानिक हस्तक्षेप की स्थिति ।
साल 2026 , भारत का अपनी नीतियों से विश्व को प्रभावित करने वाला साल रहेगा अर्थात साल 2024 से इस दिशा में जो प्रयास शुरू किया जायेगा उसका परिणाम साल 2026 में दिखेगा. 2026 से पहले भारत द्वारा ऐसी विदेश नीति , जिसके द्वारा वह बहुपक्षीय संबंधों पर अपना मत भी रखे और गर्माहट भरा प्रभाव भी डाले , संभव नहीं है . ऐसा संकेत है ग्रहों का .
वैश्विक पटल पर अपनी महाशक्ति पहचान बनाने का यह रास्ता अहिंसक नहीं होगा बल्कि हिंसा से भरा हुआ होगा .
इन संकेतों के बीच ग्रहो द्वारा साल 2023, 2025 एवं 2026 में, सिर्फ भारत ही नही बल्कि विश्व का ,बड़े पैमाने पर प्राकृतिक आपदाओं से तबाह होने का संकेत है .hurricane / cyclone / का तांडव . Induced earthquake , अर्थात इस तरह का भूकंप जिसका बटन मनुष्य द्वारा दबाया गया हो .इनके अलावा एक और आपदा जो धीरे धीरे अपना पैर पसार रहा है , वह है सूखे का । अर्थात जरूरत है समय रहते इसपर विचार करने का . विनाशलीला के प्रकोप से बचा तो नहीं सकते पर प्रकोप को कम जरूर कर सकते हैं .
Sir, I know you are too good. My only wish is – Let you be wrong this time. The scenario painted is frightening. Please don't mind about my wish. I am saying that as a peace loving Indian.
मेरी खुद की भी यही इच्छा है और ईश्वर से यही प्रार्थना की ये गलत साबित हो। Regards
Dear Sir,Wish you had some Good pointers as well. The situation you are describing is Worrisome to say the least. When would we see something good for India ? Will that happen after Saturn turns direct .. or Jupiter goes to Libra ? regardsChakraborty
नमस्तेभारत के सन्दर्भ में फिलहाल अच्छे संकेत नहीं है ग्रहों द्वारा।आंतरिक अस्थिरता,अलग राज्य की मांग अभी और बढ़ने का संकेत।भारत का प्रारब्ध है यह ,क्या कर सकते हैं ..RegardsKrishna
Dear Sir,// बिहार में चल रहे गठबंधन की रस्साकशी का निर्णायक स्तर पर पहँचने की संभावना।ऐसा संकेत मिलता है कि हो सकता है संबंधों में रस की कमी हो जाए लेकिन संबंध बना रहे।//That MahaGathBandhan or MahaThugBandhan has been broken. regards