मंगल के रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश के समय शनि का मूल नक्षत्र में होना और उसी वक्त चंद्रमा का भी रोहिणी नक्षत्र में होना फिर से भारत के साथ साथ वैश्विक परिदृश्य में war like situation को सक्रिय करने वाला,हिंसक गतिविधियों को बढ़ाने वाला तो है ही साथ ही साथ 29 अप्रैल को सुबह सात बजे के बाद प्राकृतिक आपदा का संकेत भी है।कुल नौ ग्रहों में से आठ ग्रहों का एक साथ गठजोड़ बनाना प्रकृति को असंतुलित करनेवाला मेल है।
हालांकि परिस्थितियां अच्छी नहीं हैं परन्तु कभी कभी दूरगामी अच्छे परिणाम के लिए कठोर कदम उठाने पड़ते हैं। इस समय उठाए गए कदम से ऐसा ही संकेत है।
Dear Krishna-ji,1) Mars, in addition to being Ashtamesh, is also Lagnesh. Will that change something ? 5) Regarding rains/ erratic rains, Jayasree-ji has done some good job. Her essays are based on Tamil Jyotish classics. You may refer to \”Rain fall check\”series in her blog https://jayasreesaranathan.blogspot.in/regardsChakraborty
बहुत बहुत शुक्रिया आपके valuable input के लिए। मंगल की तरफ से दोनों प्रकार का संकेत मिलता है।अर्थात् स्थिति की भयावहता को कम कर रहे हैं। Blog का link देने के लिए शुक्रिया।RegardsKrishna